संस्कृत भारती के अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख के साथ प्रथम पोडकास्ट किया गया है, जिसमें उन्होनें बताया कि कैसे संस्कृत देश की सम्पर्क भाषा हो सकती है। उन्होनें देश का 27 बार एवं विश्व के 13 देशों का भ्रमण किया है।
पोडकास्ट में वक्ता के स्वयं के मूल विचार हैं उनसे Current Sanskrit की सहमति अथवा असहमति होना अनिवार्य नहीं है। अतः किसी भी विषय के लिये वक्ता स्वयं उत्तरदायी है।